चिरंतननव
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मंगलवार, 20 अक्तूबर 2009
शुभ दीपावली
झिलमिल चिरागों के बीच
फैली खुशियों की उजास दूर तक,
स्वप्निल उड़ानों के बीच
अपनों का साथ सूर तक;
आती रहे दीवाली,
पसरी रहे हरियाली,
मुस्कराती रहे खुशहाली,
जीवन में सबके सुदूर तक।
Copyright©Dr. Ashwinikumar Shukla
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